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ओउमुआमुआ का रहस्यमयी मोड़ : वैज्ञानिक क्यों हुए हैरान?

दोस्तों बात है 2017 कि जब हमारे सोरमंडल मे एक अजीबो गरीब ऑब्जेक्ट देखा गया जिसका नाम रखा गया ओउमुआमुआ । एक रहस्यमय ऑब्जेक्ट , जिसे वैज्ञानिकों ने पहले कभी नहीं देखा था। आखिर क्या था, ये ऑब्जेक्ट जनेगे आज कि इस ब्लॉग मे ।

ओउमुआमुआ का रहस्यमयी मोड़: वैज्ञानिक क्यों हुए हैरान?

ओउमुआमुआ का रहस्यमयी मोड़: वैज्ञानिक क्यों हुए हैरान?


दोस्तों बात है 19 अक्टूबर 2017 कि जब हवाई में स्थित पैन-स्टार्स 1 टेलीस्कोप ने इस रहस्यमय ऑब्जेक्ट को पहली बार देखा था । जिसकी स्पीड लगभग 87 किलोमीटर/सेकंड थी ।

दोस्तों यह ऑब्जेक्ट देखने मे एक लंबी, पतली चट्टान जैसा था, जिसकी लंबाई लगभग 800 मीटर और चोड़ाई लगभग 80 मीटर थी। वैज्ञानिकों ने देखा कि यह ऑब्जेक्ट हमारे सौर मंडल में घुसने के बाद बहुत तेजी से घूम रहा था, जैसे कोई स्पेसशिप अपनी ऐक्सिस पर घूमता है, लेकिन यह कोई साधारण रोटैशन स्पीड नहीं था। इसकी स्पीड और Direction ने इसे हमारे सौर मंडल से जल्दी ही बाहर भेज दिया, लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात एक ओर थी इसकी Direction

इस ऑब्जेक्ट के साथ असली रहस्य तब शुरू हुआ जब यह सूर्य के पास से गुज़रा। सामान्य तौर पर, किसी भी स्पेस ऑब्जेक्ट कि स्पीड और Direction गुरुत्वाकर्षण के कारण बदलती है, लेकिन इस ऑब्जेक्ट के साथ कुछ अलग हुआ । इसने अपनी Direction में अचानक बदलाव किया, और साथ ही इसकी स्पीड  भी बढ़ गई। ये बदलाव बिना किसी स्पष्ट वजह के थे, क्योंकि वैज्ञानिकों को इसके आसपास कोई गैस या धूल नहीं मिली,  जो धूमकेतु के मामले में होती है। इस बदलाव ने वैज्ञानिकों को हैरानी में डाल दिया, क्योंकि यह कोई  सामान्य phenomime नहीं था।


जैसे ही इसस ऑब्जेक्ट ने वैज्ञानिकों के ध्यान को अपनी ओर खींचा तभी  सवाल उठने लगे: क्या यह किसी दूसरे ग्रह के प्राणियों का यान था ?  हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अब्राहम लोएब ने यह विचार भी सामने रखा कि यह एक एलियन प्रॉब हो सकता है, जो किसी दूसरी सभ्यता ने भेजा हो। लेकिन अधिकांश वैज्ञानिकों ने इसे प्राकृतिक घटना माना, हालाँकि इस ऑब्जेक्ट का व्यवहार असामान्य था।

कुछ ही हफ्तों में, यह ऑब्जेक्ट सौर मंडल से बाहर निकल गया। इसके साथ ही, इसने कई सवाल और रहस्य छोड़ दिए, जिनका जवाब शायद हम कभी न जान पाएं।
लेकिन दोस्तों जब हमारे पास और भी  अधिक शक्तिशाली टेलीस्कोप होंगे, तब शायद हम ऐसे और भी इंटरस्टेलर यात्रियों का पता लगा सकें। लेकिन यह ऑब्जेक्ट हमारी कल्पना और जिज्ञासा को उड़ान देता रहेगा। वज्ञानिकों ने इस ऑब्जेक्ट का नाम ओउमुआमुआ रखा।

तो क्या दोस्तों  ओउमुआमुआ सिर्फ एक चट्टान थी, या हमारे ब्रह्मांड के रहस्यों में से एक और रहस्यमय अध्याय?  आप क्या सोचते हैं? अपनी राय हमें कमेंट्स में बताएं!

मंगल ग्रह को लाल ग्रह क्यों कहा जाता है ?

दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि मंगल ग्रह को लाल ग्रह क्यों कहा जाता है? इसका रहस्य छुपा है विज्ञान के उस पहलू में जिसे हम आसानी से नजरअंदाज कर देते हैं। तो चलिए जानते हैं इस रहस्य के पीछे का क्या कारण है।

दोस्तों मंगल ग्रह सौर मंडल का चौथा ग्रह है जो सूरज से  22 करोड़ 80 लाख किलोमीटर कि दूरी पर है ओर  यह पृथ्वी के पास बाल ग्रह है। अपने अनोखे भूगोल और रंग के कारण, यह अस्तरोनोमर्स (Astronomers ) और वैज्ञानिकों का ध्यान सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।

अब तक मंगल पर भेजे गए रोवरस के डेटा से पता चलता है कि इसकी सतह ठोस और धूल से भरी हुई है , इसकी सतह पर आयरन, मैग्नीशियम, एल्यूमिनियम, जसे पढ़ार्थ मिले है। इसका आकार पृथ्वी से काफी छोटा है। अब तक मंगल पर भेजे गए रोवरस के डेटा से पता चलता है कि इसकी सतह ठोस और धूल से भरी हुई है , इसकी सतह पर आयरन, मैग्नीशियम, एल्यूमिनियम, जसे पढ़ार्थ मिले है। इसका आकार पृथ्वी से काफी छोटा है। जारी रखिए

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